भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है, जिनमें रिश्तों की मजबूती और परिवार के महत्व का प्रतीक होते हैं एक ऐसा ही प्रमुख त्योहार है “रक्षा बंधन” जिसमें भाई बहन के आपसी प्यार और सम्मान का प्रतीकात्मक बंधन होता है।
रक्षा बन्धन कब बांधे और समय:
इस वर्ष, रक्षा बंधन की पुर्णिमा तिथि 30 अगस्त 2023 को 10:59 बजे से प्रारंभ होकर 31 अगस्त 2023 के 7:06 बजे तक चलेगी। यह पवित्र त्योहार “भद्रा” तिथि में पड़ता है, जो प्रातः 10:59 बजे से शाम 9:03 बजे तक रहती है।भद्रा तिथि में राखी बांधना अच्छा नहीं होता। इसका मतलब है कि इस वर्ष रक्षा बंधन का आयोजन 30 अगस्त 2023 बुधवार शाम को 9:03 बजे के बाद ही या 31अगस्त प्रात: 7बजकर 03 मिनट तक राखी बांध सकते है। यह ही शास्त्र समत है
पुजन कैसे करे ?
पहले रखी को भगवान के चरणों में अर्पण करे । फिर बहन अपने भाई की पूजा करती हैं और उसकी मुख्यता के साथ उसके खुशियों की कामना करती हैं। यह पूजन बहन की ओर से भाई के लिए प्रेम और सम्मान की भावना को दर्शाने का एक तरीका होता है। इसपूजन में बहन भाई की कलाई पर रोली, चावल और तिलक डालती हैं और फिर उसे बंधती हैं। इसके साथ ही, वे उसेआशीर्वाद देती हैं कि उसका भविष्य सुरक्षित और समृद्धि से भरपूर हो। यह पूजन उनके आपसी रिश्ते कीमहत्वपूर्णीयता को दिखाता है और एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान का प्रतीक बनता है।
रक्षा का अर्थ:
“रक्षा” शब्द का अर्थ होता है सुरक्षा और रक्षाबंधन का यह मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की सुरक्षा का प्रतिज्ञा करता है और बहन भाई के साथ हमेशा खड़ी रहने का वचन देती है। यह एक ऐसा पवित्र बंधन होता है जिसमें प्यार, सम्मान, और सहानुभूति की भावना समाहित होती है।
त्योहार का महत्व:
रक्षा बंधन के इस पवित्र त्योहार के दौरान, भाई-बहन एक-दूसरे के साथ विशेष समय बिताते हैं। भाई बहन के बीचप्यार और सम्मान की भावना को मजबूती से दिखाता है जब बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा बंधती है। यह बंधनउनके आपसी रिश्ते को और भी गहरा और मजबूत बनाता है।
उपहार और आदतें:
रक्षा बंधन के इस खास मौके पर, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। यह उपहार प्यार और सम्मान की भावना कोदर्शाते हैं और उनके आपसी बंधन को मजबूती देते हैं।