Sunday 14 April 2024
Friday 12 April 2024
इस बर्ष में कैसी रहेगी वारिश फल तथा व्यापार कैसा रहेगा राजा मंगल तथा मंत्री शनि का फल
इस बार ‘कालयुक्त’ नामक संवत्सर रहेगा।जब भी कोई बर्ष में शुभ कार्य होगा नल नामक संवत्सर का प्रयोग कियाजाएगा इस सम्बतसर का प्रयोग होगा। इस वक्त सृष्टि के संम्वत् अनुसार 19558 85125 (१९५५९९५१२५) यहसृष्टि का बर्ष चला हुआ है सृष्टि को इतना समय हो गया है तथा विक्रम संवत 2081 चला हुआ है शक संवत 1946-47 (१९४६)होगा और कलियुग का समय अभी 5124(५१२४) वर्ष बीत चुका है तथा कलियुग वर्तमान 5125 (५१२५) बर्ष चल रहा है। जबकि कलियुग की कुल अवधि 432000 (४३२०००) बर्ष है।कृष्ण संवत 5258(५२५८) चला है ।श्री बुद्ध संवत 2647 (२६४७)महावीर जैन संवत 2549(२५४९) और हिजरी सन 1445 (१४४५)अंग्रेजी का2024(२०२४) खालसा का 325 (३२५) सृष्टि के अनुसार सतयुग का प्रमाण 1728000(१७२८०००) बर्ष तथा त्रेतायुग 1296000(१२९६०००)बर्ष द्वापर युग प्रमाण 864000(८६४०००) बर्ष कलयुग का प्रमाण 432000 (४३२०००)वर्ष का होता है।
कालयुक्त नामक नव संवत्सर का फल
9अप्रैल 2024 तथा 27 गते चैत्र को पहले ही “कालयुक्त’नामक संवत्सर प्रारंभ हो चुका होगा नया संवत का प्रवेश8अप्रैल 2024 ईस्वी सोमवार रात्री को 11:51 पर रेवती नक्षत्र में होगा वृश्चिक लग्न में प्रवेश करेगा परंतु शास्त्रअनुसार नव संवत्सर तथा राजा अधिकार निर्णय चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के बार आदि अनुसार ही किया जाता है इसलिए कालयुक्त नामक संवत्सर संवत 2080 नवरात्रों का प्रारंभ 9 अप्रैल मंगलवार रेवती नक्षत्र में होगा नवरात्रि अर्थात 9 अप्रैल मंगलवार से जप पाठ पूजन दान व्रत एक धार्मिक अनुष्ठान कर्मों के लिए संकल्प आदि का प्रयोग कार्यों मेंकालयुक्त नामक संवत्सर का प्रयोग होगा । इस वर्ष राजा मंगल मंत्री शनि होगा। कालयुक्त नामक संवत्सर में पेचिदा रोग विशेष वृद्धि प्रजा में कष्ट तथा हाहाकार रहे । देश विदेशों के राजाओं में क्षुब्धता , टकराव तथा विखराव के कारण युद्ध जैसी स्थिति बनी रहेगी । कुछ विशेष स्थानों में भयंकर वर्षा होने से खड़ी फसलों को हानि तथा बाढआदि की स्थिति बनी रहे ।
कॉल युक्त संवत्सर होने से वर्ष में प्रजा में रोग शोक में वृद्धि होगी , परंतु बर्षा प्रयाप्त होने तथा धन धान्य आदि के उत्पादन में वृद्धि होने से साधारण जनता सुखी एवं आनंद से रहेगी । राजाओ के परस्पर युद्ध से प्रजा का विनाश भी होगा । कहीं धन धान्य की वृद्धि तथा वृक्षो पर पुष्प फल लगेंगे ।
रोहिणी का वास (बर्षा)
रोहिणी का बास इस बार मैं सक्रांति का प्रवेश मृगशिरा नक्षत्र कालीन हुआ है अतः रोहिणी का बास तट पर होने से वर्षमें उपयोगी एवं उत्तम वर्षा होने के योग बनेंगे फलस्वरूप धान ,गन्ने, चावल, चने, गन्ने,वृक्ष, घास, व अन्य ने जड़ी बूटियों पौधों की पैदावार भी अच्छी रहेगी और प्रजा में अन्न धन अन्य शुभ साधना हुआ प्रसाधनों की वृद्धि होगी । संतोषजनक एवं पर्याप्त वर्षा के योग हैं ।
राजा मंगल का फल-
राजा मंगल का फल इस बार राजा मंगल होने से हवा एक यान दुर्घटनाएँ अग्निकांड भूकंप आदि प्राकृतिक उत्पादों में विशेष बिल भी होंगी आतंकी सांप्रदायिक घटनाओं तस्करी ठगी लूटपाट तथा विभिन्न पेचीदा रोगों में वृद्धि साधारण जनता परेशान व पीड़ित रहेगी । तीव्र वायु वेग होने पर वर्षा की कमी अनुभव होगी । तूफ़ान चक्रवात आँधी और ओलावृष्टि प्राकृतिक आपदाओं से कृषि उत्पादन में कमी पशुधन की भी हानि होगी । आरोप प्रत्यारोप सामाजिक बातावरण के कारण कुछ क्षेत्रों में शासक वर्ग की कर्तव्यपालन के प्रति उदासीनता रहेगी पर्दा पित रात विषाणुजनित रोगों से बहुलता रहेगी बालक बालिकाओं के प्रति घटनाएँ बनती रहेगी । राजा मंगल होने से चोरी ठगी भ्रष्टाचार हिंसा उपद्रव की घटनाएँ प्राकृतिक उत्पाद विशेष रूप से भूकंप अग्निकांड विस्फोट दाम धन हानि की घटनाएँ घटित होती रहेंगी । नेताओं में परस्पर विरोध और टकराव रहे । प्रजा अनेक विविध रोगों व्भायाधियो अपहरण प्रियजन दुखी एवं पीड़ित रहे । देश में आगज़नी सांप्रदायिक हिंसा उग्रवाद जन ने घटनाओं का धन धन से हानि होगी ।
मंत्री शनि का फल
संवत्सर में शनि मंत्री होने से प्रशासन को बर्बर एवं नेताओं का व्यवहार सामान ने लोगों के प्रति अत्यंत कठोर नीति विरुद्ध निर्भया पुराना रहेगा । जिससे लोगों को कष्ट वह असंतोष रहे । देश के कुछ भागों में बर्षा कमी खाद्यानों में कमी प्राकृतिक प्रकोप होने का भय व्याप्त रहेगा । सामान्य लोगों के पास धन संपदा एवं प्राप्त सुख साधनों की कमी एवं गहन असंतोष भावना व्याप्त हो । लोहा स्टील ताम्बा जिस्ता खाद्यान्न पदार्थ पेट्रोल डीज़ल के भाव तेज होंगे ।
फसल शुक्र का फल
धान्येश सूर्य का फल धनपति सूर्य होने से मूंग सोठ ईख ,धान, तिलहन दलहन आदि पैदावार में कमी अथवा प्राकृतिक प्रकोप के कारण फसलों बार कृषि उत्पादन को हानि पहुँचे और दलहन तिलहन और धान्य अनाजों के मूल्यों में वृद्धि होगी । घास तृण फल -फूलदार वृक्षो में पैदावार अच्छी होगी तथा माणिक के नंगा पुखराज ही रतन लाल वस्त्र गर्म वस्त्र लाल चंदन सौना , पीतल ताँबा ,लोहा लाल रंग की धातुएं दिन प्रतिदिन मेहेगी होगी ।
मेघ का स्वामी बुध
वर्षा का स्वामी शुक्र होने से इस इस बार जल पर्याप्त वर्षा तो होगी । घास आदि की यथेष्ट पैदावार होगी तथा दूध गुड़आदि रस आदि उपलब्ध की पर्याप्त मात्रा में रहेगी।
फल का स्वामी शुक्र का फल
इस बार फल का स्वामी शुक्र होने से पृथ्वी पर कोमल घास परिणाम फल फूल एवं लघु पौधों के समूह की पैदावार अधिक होगी । बर्ष धनपति चंद्रमा हो तो वर्ष में रस वाली चीज़ें दूध दही शरबत जूस तेल एवं मौसमी रस क्रय विक्रय ख़रीदने में धन का लाभ होगा इसके अतिरिक्त बस्त्र आदि तेल सुगंधित तेल चावल इत्र ख़ुशबू मिठाई करियाना वस्तुओं के व्यापार से भी अच्छे लाभ की संभावना है ।
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