इस बार परमादी नामक संवत्सर रहेगा परमादी नामक संवत्सर का प्रयोग किया जाएगा जब भी कोई वर्ष में शुभ कार्य होगा। इस सम्बतसर का प्रयोग होगा। इस वक्त सृष्टि के संम्वत् अनुसार 19558 85121 यह सृष्टि का बर्ष चला हुआ है सृष्टि को इतना समय हो गया है तथा विक्रम संवत 2077 चला हुआ है शक संवत 1942 होगा और कलियुग का समय अभी 5120 वर्ष बीत चुका है तथा कलियुग वर्तमान 5121 बर्ष चल रहा है। जबकि कलियुग की कुल अवधि 432000 बर्ष है।कृष्ण संवत 5256 चला है ।श्री बुद्ध संवत 2643 महावीर जैन संवत 2545 और हिजरी सन 1441 अंग्रेजी का 2020 खालसा का 321 सृष्टि के अनुसार सतयुग का प्रमाण 1728000 बर्ष तथा त्रेता युग 1296 000 बर्ष द्वापर युग प्रमाण 864000 बर्ष कलयुग का प्रमाण 432000 वर्ष का होता है।

परमादी नामक संवत्सर का फल
परमादी नामक संवत्सर 47वां संम्वतसर है। यह शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 25 मार्च 2020 ईस्वी अनुसार 12 गते चेत्र बुधवार से प्रारंभ होगा प्रमादी नाम नया संवत्सर 2077 विक्रम संवत के अनुसार अमावस की समाप्ति 24 मार्च 11 गते चेत्र मंगलवार को दोपहर 2:58 पर कर्क लग्न में प्रवेश करेगा परंतु शास्त्र नियम अनुसार विक्रमी संवत 2077 चेत्र बसंत नवरात्रों का प्रारंभ 25 मार्च बुधवार 12 प्रविष्टे चैत्र रेवती नक्षत्र में होगा वर्ष का राजा बुध तथा मंत्री चंद्र होगा परमादी नामक संवत्सर का फल शास्त्रों में इस प्रकार से वर्णित है प्रमाद नामक संवत्सर में सभी प्रकार के धान्य, फसलों का अनाज का उत्पादन होगा सब रस गुड़ चीनी आदि पदार्थों के मूल्यों में वृद्धि होगी आषाढ़ माह में वर्षा कम रहने की संभावना तथा भाद्रपद में अधिक वर्षा होने की संभावना रहेगी।धान्य पदार्थ के मूल्यों में वृद्धि तथा उपद्रव राजनीतिक एवं जातीय हिंसा और जनमानस में भय का वातावरण उपस्थित होगा परमादी संवत्सर में राजा अमैत्री भाववाले हो जाएंगे सरकार की ओर से कठोर एवं अप्रिय निर्णय लिए जाएंगे यद्यपि देश हित के लिए यह कठोर एवं कनिष्ठ नियम एवं कानूनों से सामान्य प्रजा में दुविधा भविष्य एवं आक्रोश की भावना रहेगी इसके अतिरिक्त आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि और प्रजा अकरांत रहेगी।





रोहिणी का बास वर्षा उतरा भाद्रपद  नक्षत्र होने से होने से धन-धान्य दुख दादी पर पदार्थों के मूल्यों में विशेष अधिक तेजी होगी तथा संवत्सर का वाहन सियार होने से आह आकार पृथ्वी पर आकर मत जाता है व्यापक दुर्भिक्ष अथवा स्थानों पर भयानक सूखा अकाल एवं महामारी उत्पन्न हो जाने की स्थिति पैदा होगी थोड़े थोड़े समय में देशों में टकराव की संभावना रहेगी

इस वर्ष का राजा बुध होने से पृथ्वी पर वर्षा अच्छी घर घर में मांगलिक कार्य तथा दान दया धर्म के प्रति बड़े स्वास्थ्य संबंधी चेतना जागृत रहेगी और विशेश्वर व्यापारी शिल्पी तथा वैद्य अर्थात डॉक्टर लोग विशेष लाभान्वित होंगे आयुर्वेदिक योग चिकित्सा प्रणाली का प्रचार प्रसार होगा बर्ष में छल कपट करने वाले लोगों का बोलबाला प्रभाव होगा
संवत का मंत्री चंद्र होने से  वर्ष में धन-धान्य ेश्वरी साधनों का प्रसार होगा देश में वर्षा अधिक तथा गेहूं, धान, सरसों, मक्की, चने की पैदावार अच्छी ,शक्कर ,चीनी, दूध सफेद वस्तुओं का उत्पादन अच्छा तथा चावल चीनी वस्त्र दूध में अन्य श्वेत वस्तुओं का विस्तार लाभप्रद रहेगा। विक्रमी संवत 2077 में शनि की दृष्टि का फल थोड़ा अशुभ रहेगा भारत के उत्तर पूर्वी प्रदेशों में करीब बाढ समुद्री तूफान भूस्खलन महामारी भूकंप यान दुर्घटना अग्निकांड सड़क दुर्घटनाएं आदि प्राकृतिक प्रकोप से भारी कृषि धन धन हानि होने की संभावना होगी कर्क तुला एवं मीन राशि वाले उत्तरी राज्यों में आकाल जन्य परिस्थितियां बनेगी इसका फल अशुभ ही रहेगा ||