2019 सूर्य ग्रहण का दिन और समय Nahan, हिमाचल प्रदेश, इण्डिय
2019 सूर्य ग्रहण
Nahan, इण्डिया
सूर्य ग्रहण
26वाँ
दिसम्बर 2019
Thursday / गुरूवार
सूर्य ग्रहण का स्थानीय समय

सूर्य ग्रहण का स्थानीय समय
के अनुसार सूतक विचार
१२ घण्टा२४ घण्टा२४ प्लस
Nahan में आंशिक/खण्डग्रास सूर्य ग्रहण
ग्रहण प्रारम्भ26 दिसंबर प्रात: - 08:00 ए एम
परमग्रास प्रात: - 10:48 ए एम
ग्रहण समाप्ति काल दोपहर- 1:36 पी एम
खण्डग्रास की अवधि - 02 घण्टे 35 मिनट्स 24 सेकण्ड्स
अधिकतम परिमाण - 0.51
सूतक प्रारम्भ शाम 25 दिसंबर- 08:00पी एम,
26दिसम्बर सूतक समाप्त - 1:36पी एम
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक प्रारम्भ - 03:48 ए एम
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त - 1:36 पी एम
ग्रहण काल में क्या सावधानियां रखें*
जब ग्रहण प्रारंभ हो तो स्नान जप मध्यकाल में होम देव पूजा और ग्रहण का मोक्ष समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए।
स्पर्शे स्नानं जपं कुर्यान्मध्ये होमो सुराचर्नम्।
मुच्यमाने सदा दानं विमुक्तौ स्नानमाचरेत्।।
सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की पूजा आदित्य हृदय स्त्रोत सूर्य अष्टक स्त्रोत आदि सूर्यस्त स्तोत्रौ का पाठ करना चाहिए । पका हुआ अन्न,कटी हुई सब्जी, ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं उन्हें नहीं रखना चाहिए परंतु तेल घी दूध दही लस्सी मक्खन पनीर अचार चटनी रब्बा आदि में तिल या कुछ आचरण रख देने से ग्रहण काल में दूषित नहीं होते सूखे खाद्य पदार्थों में डालने की आवश्यकता नहीं ध्यान रहे ग्रस्त सूर्य को नंगी आंखों से कदापि नहीं देखी वेल्डिंग वाले काले गिलास में से देख सकते हैं ग्रहण के समय तक ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है रोगी गर्भवती स्त्रियां बालकों के लिए निश्चित नहीं है काल में सोना खाना-पीना तेल मदन मित्र पुरुषोत्तम निषिद्ध है नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
जब ग्रहण प्रारंभ हो तो स्नान जप मध्यकाल में होम देव पूजा और ग्रहण का मोक्ष समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए।
स्पर्शे स्नानं जपं कुर्यान्मध्ये होमो सुराचर्नम्।
मुच्यमाने सदा दानं विमुक्तौ स्नानमाचरेत्।।
सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की पूजा आदित्य हृदय स्त्रोत सूर्य अष्टक स्त्रोत आदि सूर्यस्त स्तोत्रौ का पाठ करना चाहिए । पका हुआ अन्न,कटी हुई सब्जी, ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं उन्हें नहीं रखना चाहिए परंतु तेल घी दूध दही लस्सी मक्खन पनीर अचार चटनी रब्बा आदि में तिल या कुछ आचरण रख देने से ग्रहण काल में दूषित नहीं होते सूखे खाद्य पदार्थों में डालने की आवश्यकता नहीं ध्यान रहे ग्रस्त सूर्य को नंगी आंखों से कदापि नहीं देखी वेल्डिंग वाले काले गिलास में से देख सकते हैं ग्रहण के समय तक ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है रोगी गर्भवती स्त्रियां बालकों के लिए निश्चित नहीं है काल में सोना खाना-पीना तेल मदन मित्र पुरुषोत्तम निषिद्ध है नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
*ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है।
*ग्रहणकाल में सोना नहीं चाहिए। वृद्ध, रोगी, बच्चे और गर्भवती स्त्रियां जरूरत के अनुसार सो सकती हैं। वैसे यह ग्रहण मध्यरात्रि से लेकर तड़के के बीच होगा इसलिए धरती के अधिकांश देशों के लोग निद्रा में होते हैं।
*ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
*ग्रहणकाल में यात्रा नहीं करना चाहिए, दुर्घटनाएं होने की आशंका रहती है।
*ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
*ग्रहण को खुली आंखों से न देखें।
*ग्रहणकाल के दौरान महामृत्युंजय मत्र का जाप करते रहना चाहिए।
*गर्भवती स्त्रियां क्या करें*
ग्रहण का सबसे अधिक असर गर्भवती स्त्रियों पर होता है। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती स्त्रियां घर से बाहर न निकलें। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर नहीं होगा। ग्रहण काल के दौरान यदि खाना जरूरी हो तो सिर्फ खानपान की उन्हीं वस्तुओं का उपयोग करें जिनमें सूतक लगने से पहले तुलसी पत्र या कुशा डला हो। गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान चाकू, छुरी, ब्लेड, कैंची जैसी काटने की किसी भी वस्तु का प्रयोग न करें। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों पर बुरा असर पड़ता है। सुई से सिलाई भी न करें। माना जाता है इससे बच्चे के कोई अंग जुड़ सकते हैं। ग्रहण काल के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करती रहें।

यह ग्रहण मूल नक्षत्र तथा धनु राशि में होगा आते इस राशि नक्षत्र में उत्पन्न लोगों के लिए विशेष अशुभ है अतः इस राशि वालों को ग्रहण ग्रहण दान तथा आदित्य स्त्रोत सूर्य अष्टक स्त्रोत का पाठ करना चाहिए
ग्रहण का राशियों पर असर

यह ग्रहण मूल नक्षत्र तथा धनु राशि में होगा आते इस राशि नक्षत्र में उत्पन्न लोगों के लिए विशेष अशुभ है अतः इस राशि वालों को ग्रहण ग्रहण दान तथा आदित्य स्त्रोत सूर्य अष्टक स्त्रोत का पाठ करना चाहिए
ग्रहण का राशियों पर असर
26 दिसम्बर, 2019 का सूर्य ग्रहण
26 दिसम्बर, 2019 का ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इसका परिमाण 0.97 होगा। यह पूर्ण सूर्यग्रहण नहीं होगा क्योंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का मात्र 97% भाग ही ढकेगी। आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनायेगी। इस सूर्य ग्रहण सर्वाधिक लम्बी अवधि 3 मिनट और 39 सेकण्ड की होगी।
यह सूर्य ग्रहण भारत, श्रीलंका, सऊदी अरब, सुमात्रा तथा बोर्नियो में दिखाई देगा। मंगलुरु, कासरगोड, करूर, कोझिकोड, टेलिचेरी, कोयम्बटूर, शिवगंगा, तिरुचिरापल्ली, जाफना, अल होफुफ तथा सिंगापुर कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ पर वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा।
मुम्बई, बेंगलुरु, नई दिल्ली, चेन्नई, मैसूर, कन्याकूमारी, रियाद, दोहा, अबू धाबी, मस्कट, कुवैत सिटी, कराची, कुआलालम्पुर, जकार्ता आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
यूएसए, कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, अर्जेण्टीना तथा अन्य अमेरिकी महाद्वीप के देशों से सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इनके अतिरिक्त यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, इटली, जर्मनी, स्पेन, दक्षिण अफ़्रीका तथा अन्य यूरोपीय एवं अफ़्रीकी महाद्वीप के देशों से सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
सूर्य ग्रहण का प्रारम्भ और अन्त का समय
आंशिक
02 घण्टे 47 मिनट्स
अधिक जानकारी के लिए https://forms.gle/ZXARrswiQMJVtBPj6
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